Saturday, September 28, 2019

पानी कितना कब और कैसे पीना चाहिए - Pani kitna kab aur kaise piye in Hindi

पानी कब कितना और कैसे पीना चाहिए? इस सवाल का जवाब ज़्यादातर लोगो को पता हो सकता है, लेकिन विभिन्न विशेषज्ञों की इस विषय पर विभिन्न राय है और लगभग सभी की राय सही है, अगर आप इनके पीछे के तर्क को समझते हैं। असल में, हमारे शरीर की पानी की आवश्यकता हमारे रहने के क्षेत्र, हमारी जीवन शैली और हमारे स्वास्थ्य जैसे विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है। ज़्यादातर चिकित्सक शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पीने की सलाह देते हैं।
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लेकिन आयुर्वेद की इन सिद्धांतों पर एक अलग राय है। आयुर्वेद के अनुसार, हमारे शरीर की कुछ प्राकृतिक ज़रूरतें होती हैं जिनसे हमें भूख, प्यास, नींद, पेशाब और शौच जैसे संकेत मिलते हैं।

इसलिए जब भी आपको भूख लगे, खाना खाएं और जब आपको प्यास महसूस होती है, तब आप पानी पिएं। हर बार इन इच्छाओं पर ध्यान ना देना भुखमरी और निर्जलीकरण का कारण बन सकता है।
अब अगला सवाल यह उठता है कि आपको दिन में कितना पानी पीना चाहिए, कब पीना चाहिए और कैसे पीना चाहिए
  1. दिन में कितना पानी पीना चाहिए? - How much water should one drink in a day in Hindi
  2. पानी पीने का सही समय - Pani pine ka sahi samay in Hindi
  3. पानी पीने का सही तरीका - According to Ayurveda, the right way to drink water in Hindi
  4. खड़े होकर पानी क्यों नहीं पीना चाहिए - Khade hokar pani pine ke nuksan in Hindi
  5. खाना खाने से पहले, खाते समय या बाद पानी पीना चाहिए 

हालांकि, कुछ सिद्धांतों के अनुसार हमें हर दिन कम से कम आठ गिलास पानी पीना चाहिए क्योंकि यह आपके शरीर को विषरहित, त्वचा को पोषित और हाइड्रेटेड भी रखता है, किंतु आयुर्वेद इस तथ्य से इनकार करता है।
आयुर्वेद के अनुसार पानी एक शीतलक है। अत्यधिक पानी के सेवन से भले ही आप भूखा महसूस ना करें लेकिन यह अपच पैदा कर सकता है और एक गंभीर हालत का कारण भी बन सकता है जिसको अमा कहते हैं। अमा पाचक तंत्र और शरीर की कोशिकाओं और ऊतकों में अनुचित चयापचय और अनुचित पाचन के कारण होता है।  
बहुत अधिक पानी पीना कफ और वात में वृद्धि और पित्त में कमी का कारण बनता है, जो शरीर की पाचन शक्ति को प्रभावित करता है। ये सभी दोष हमारे शरीर के संतुलन को बनाए रखते हैं। इनमें थोड़ा सा परिवर्तन भी हमारे पाचन तंत्र पर प्रभाव डालता है। इसलिए आपको अत्यधिक पानी के सेवन से भी बचना चाहिए। इसके बजाय, पानी पीते रहें जब तक आप तृप्त महसूस ना हों।

भोजन के दौरान पानी पीने को लेकर यह सवाल ज़रूर आते हैं कि हमें भोजन से पहले पानी पीना चाहिए या भोजन के बाद या क्या हम भोजन करते समय पानी पी सकते हैं। कुछ डॉक्टरों का सुझाव है कि आपको भोजन के दौरान पानी नहीं पीना चाहिए। इसके बजाय आपको पानी पीने के लिए एक घंटे या ज़्यादा का इंतज़ार करना चाहिए। कुछ अन्य डॉक्टर्स खाना खाने से पहले पानी पीने का सुझाव नहीं देते हैं। हमें समझ नहीं आता है कि हमें वास्तव में कब पानी पीना चाहिए?
(और पढ़ें - कांजी पानी के फायदे)

तो आइए हम आयुर्वेदिक दृष्टिकोण के साथ इस रहस्य को हल करते हैं।

हम पानी तभी पीते हैं जब हम प्यासे होते हैं। प्यास एक प्राकृतिक आवश्यकता है और जब भी प्यास लगती है, इस पर ध्यान जाना चाहिए। इसी तरह भूख लगना, पेशाब या शौच के लिए जाना, ये सब प्राकृतिक आवश्यकताएं हैं। इस सब का एकमात्र उद्देश्य शरीर की जैविक प्रक्रिया को बनाए रखना है।
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कई डॉक्टर आपको भोजन के बीच में पानी पीने की सलाह नहीं देते हैं। लेकिन आयुर्वेद इस तथ्य का विरोध करता है। आयुर्वेद के अनुसार आप अपने भोजन के बीच में पानी पी सकते हैं।
  1. पानी पीने का सही समय खाना खाने के दौरान - Kya pani pine ka sahi samay hai khana khane ke doran in Hindi
  2. पानी पीने का सही टाइम खाना खाने से पहले - Kya pani pine ka sahi time hai khana khane se pehle in Hindi
  3. पानी पीने का सही वक्त खाना खाने के बाद - Kya pani pine ka sahi waqt hai khana khane ke bad in Hindi

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